08:00 am – 07:30 pm
The temple remains closed between 11:00 am to 05:30 pm
The place which is presently called Seva Kunja was formerly called Nikunjavana, and was one of twelve small forest groves of Vrindavan also called upavanas. Sometimes when the Puranas refer to Seva Kunja, it refers to all twelve of the sub-forests that form the inner-most core of the vast and expansive forest of Vrindavan.
According to the Puranas, the whole area bordered by the River Yamuna, from Mohana Ter Ghata to Adi-Badri Ghata was referred to as being Seva kunja or Nikunja Vana. Therefore, such places as Kaliya-Ghata, Madana-mohana, Imli Tala, Radha Damodara, Shringara Vata, Govinda Ghata, Chehana Ghata, Keshi Ghata, Nidhuvana, Jhulanavana, Gopinatha, Dira Samira, Vamsi Vata, Gopishwara, Brahma-kunda, Govinda-kunda and Govindaji Yoga-pitha, are also considered to be different lila-sthanas within Nikunja Vana.
In this particular forest grove, Yugal Sarkar performs Rasa pastimes. After that Krishna massaged Radharani’s lotus feet and decorated them with red yavaka (vermillion) and he combs Her long black hair into braids, and applied cosmetics to Her moon-like face, and dressed Her with silken garments and gem-encrusted ornaments. After the rasa-dance was over the Gopis would prepare a soft bed made of flower petals and invite Radha and Krishna to lie down together and rest. The whole area where these divine pastimes happens day and night is called Nikunja Vana or Sewa Kunj.See less
निकुंज वन, वर्तमान में सेवा कुंज, वृंदावन के बारह छोटे वनों में से एक वन है । सेवा कुंज को पहले निकुज वन भी कहा जाता था । पुराणों के अनुसार सेवा कुंज वृंदावन के विशाल उपवनो के सभी बारह उपवनो के केंद्र को दर्शाता है।
पुराणों के अनुसार, यमुना नदी से घिरा हुआ पूरा क्षेत्र, मोहन चीर घाट से आदि-बरहा घाट तक सेवा कुंज या निकुंज वन के रूप में जाना जाता था। इसलिए, कालिया-घाट, मदन-मोहन, इम्ली तला, राधा दामोदर, श्रृंगार वट, गोविंद घाट, चेहाना घाट, केशी घाट, निधिवन, झुलनवन, गोपीनाथ, धीर समीर, वंशीवट, गोपीश्वर, ब्रह्मा-कुंड, गोविंदा कुंड जैसे स्थान और गोविंद जी योग-पीठ को भी निकुंज वन के भीतर अलग-अलग लीला स्थली के रूप में माना जाता है।
इस विशेष घने वन में, युगल सरकार नित्य रासलीला करते हैं । उसके बाद श्री कृष्ण श्री राधा रानी के चरण कमलों की सेवा करते हैं । उन्हें लाल सिंदूर से श्रृंगार करते हैं और उनके लम्बे काले केशो का श्रृंगार करते हैं । श्री राधा रानी के मुख चंद्र पर रचना करते हैं, उनको रेशमी वस्त्र पहनाते हैं और मणि-जड़ित आभूषणों के साथ श्रृंगार करते हैं । रास-नृत्य संपन्न होने पर सखियाँ फूलों की पंखुड़ियों से बने कोमल शैय्या का निर्माण करती हैं जिसके पश्चात राधा और कृष्ण को एक साथ विराजमान होने के लिए आमंत्रित करतीं हैं । पूरे क्षेत्र में जहां यह दिव्य रास लीला निरंतर होती है उसे निकुंज वन या सेवा कुंज कहतें हैं।
Shri Seva Kunj Mandir is a prominent Hindu temple located in Vrindavan, Uttar Pradesh, India. It is a revered place of worship dedicated to Lord Krishna and Radha Rani, where devotees gather to offer their prayers and seek blessings.
The temple is situated within the beautiful gardens of Seva Kunj, which is believed to be the place where Lord Krishna and Radha performed their divine leelas (pastimes). The serene and picturesque surroundings of the garden add to the spiritual ambiance of the temple.
The temple features exquisite idols of Lord Krishna and Radha, adorned with ornate decorations and garments. Devotees offer flowers, incense, and prayers to the deities as a form of devotion and surrender.
One of the unique aspects of Shri Seva Kunj Mandir is the tradition of “Shringar Aarti.” This special evening ritual involves adorning the deities with beautiful clothes, jewelry, and flowers, accompanied by melodious devotional songs and hymns. Devotees gather to witness this enchanting spectacle and immerse themselves in the devotional atmosphere.
श्री सेवा कुंज मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश के वृन्दावन में स्थित एक प्रमुख हिंदू मंदिर है। यह भगवान कृष्ण और राधा रानी को समर्पित एक प्रतिष्ठित पूजा स्थल है, जहां भक्त प्रार्थना करने और आशीर्वाद लेने के लिए इकट्ठा होते हैं।
यह मंदिर सेवा कुंज के खूबसूरत बगीचों के भीतर स्थित है, जिसके बारे में माना जाता है कि यही वह स्थान है जहां भगवान कृष्ण और राधा ने अपनी दिव्य लीलाएं की थीं। बगीचे का शांत और सुरम्य वातावरण मंदिर के आध्यात्मिक माहौल को और बढ़ा देता है।
मंदिर में भगवान कृष्ण और राधा की उत्कृष्ट मूर्तियाँ हैं, जो अलंकृत सजावट और वस्त्रों से सुसज्जित हैं। भक्त भक्ति और समर्पण के रूप में देवताओं को फूल, धूप और प्रार्थनाएँ चढ़ाते हैं।
श्री सेवा कुंज मंदिर के अनूठे पहलुओं में से एक "श्रृंगार आरती" की परंपरा है। इस विशेष शाम की रस्म में देवताओं को सुंदर कपड़ों, गहनों और फूलों से सजाना, मधुर भक्ति गीतों और भजनों के साथ शामिल किया जाता है। इस मनमोहक दृश्य को देखने के लिए श्रद्धालु एकत्रित होते हैं और भक्तिमय माहौल में डूब जाते हैं।
ग्रीष्मकाल
प्रातः काल : 07:00 प्रातः से 12:30 दोपहर
संध्याकाल : 04:30 दोपहर से 09:00 रात्रि
शीतकाल
प्रातः काल : 08:30 प्रातः से 12:00 दोपहर
संध्याकाल आरती : 05:00 दोपहर से 09:00 रात्रि
Vrindavan is considered a significant place for spiritual seekers, offering them an opportunity to connect with the divine and experience the devotion and love associated with Lord Krishna and Radha.