Timings of Temple:
4:45 AM — Mangla Aarti
8:30 AM — Shringar Aarti
12:30 PM – Rajbhog Aarti
6:00 PM — Sandhya Aarti
9:00 PM — Shayan Aarti
Sri Radha Damodar Mandir is an ancient temple established by Srila Jiva Goswami in the year 1542 C.E. The deities here were served by Srila Jiva Goswami.
Sri Radha Damodar deities were manifested by Srila Rupa Goswami, who gave them to his dear disciple and nephew-Jiva Goswami for service and worship. Samadhi of Shri Roop Goswami, Sri Jeev Goswami. Bhajan Kutira and Samadhi of Shri Roop Goswami: The topmost maidservant of Sri Sri Radha-Krsna is Sri Rupa Manjari. His bhajana-kutira and Samadhi-mandira are situated in the courtyard of Sri Sri Radha Damodar Temple.
Jeeva Goswami Samadhi: Jeeva Goswami’s Samadhi is located at Radha Damodar Mandir. Srila Krsna Dasa Kaviraja Goswami Samadhi: Srila Krishna Dasa Kaviraja Goswami’s samadhi is also located at Radha Damodar Mandir. Pushpa Samadhis of other Vaishnav saints are also located at the temple.
Giriraj Charan Shila History: Sripad Sanatan Goswami used to live in Vrindavan near Sri Radha Madanmohan temple. Everyday he would go to Goverdhan hill from Vrindavan for Parikrama. When he got old even then this routinge was carried and continue with Parikrama seeing this Lord himself appeared before him and told him that he is happy with his devotion and asked goswamipad to stay at Vrindavan and serve Radha Krishna. Srila Sanatan Goswami said that without coming to the Govardhan Hill he feels pain and grief. Then Krishna gave him a Govardhan Sila with His Foot Print, Flute, Stick & cows foot print on that and told goswamipad that by doing four Parikaramas of this Govardhan Sila with four signs you will get the complete benefit of Govardhan Parikrama. This Sila has been served in this temple since then, many devotees come to this temple to do Parikrama everyday.
Location:
Radha Damodar Temple is located in Vrindavan at Nikunj Lane, very near to Sewa Kunj.
श्री राधा दामोदर मंदिर, वृन्दावन
श्री श्री राधा दामोदर मंदिर 1542 ईसवी में श्री जीव गोस्वामी द्वारा स्थापित एक प्राचीन मंदिर है। राधा दामोदर की सेवा श्री जीव गोस्वामी द्वारा की जाती थी।
श्री राधा दामोदर को श्रील रूप गोस्वामी द्वारा प्रकट किया जिन्हे उन्होंने सेवा और पूजा के लिए अपने प्रिय शिष्य और भतीजे-जीव गोस्वामी को दिया। श्री रूप गोस्वामी, श्री जीव गोस्वामी की समाधि। श्री रूप गोस्वामी के भजन कुटिया और समाधि: श्री श्री राधा-कृष्ण की शीर्ष सेवक श्री रूप मंजरी हैं। उनका भजन-कुटिया और समाधि-मंदिर श्री श्री राधा दामोदर मंदिर के आंगन में स्थित हैं।
जीव गोस्वामी समाधि: जीव गोस्वामी की समाधि राधा दामोदर मंदिर में स्थित है।
श्रीला कृष्ण दास कविराज गोस्वामी समाधि: श्रीला कृष्ण दास कविराज गोस्वामी की समाधि राधा दामोदर मंदिर में भी स्थित है। अन्य वैष्णव संतों की पुष्प समाधि भी मंदिर में स्थित हैं।
गिरिराज चरण शिला इतिहास: श्रीपाद सनातन गोस्वामी श्री राधा मदनमोहन मंदिर के पास वृंदावन में रहते थे। हर दिन वह परिक्रमा के लिए वृंदावन से गोवर्धन जाते थे। जब वह बूढ़े हो गए तब भी वहां मार्ग पर चलते थे और परिक्रमा किया करते थे और यह देखकर यह भगवान स्वयं उनके सामने प्रकट हुए और उसे बताया कि वह उनकी भक्ति से खुश हैं और वृंदावन में रहने और राधा कृष्ण की सेवा करने के लिए गोस्वामी पाद जी से कहा। श्रील सनातन गोस्वामी ने कहा कि गोवर्धन न आने आने पर उन्हें दर्द और दुःख महसूस होता है। तब श्री कृष्ण ने उन्हें अपने चरण चिन्ह, बांसुरी, छड़ी और गायों के चरण चिन्ह के साथ एक गोवर्धन शिला दी और गोस्वामी पाद को बताया कि इस गोवर्धन शीला के चार चिन्ह के साथ आपको गोवर्धन परिक्रमा का पूरा लाभ मिलेगा। तब से इस मंदिर में इस शिला को स्थापित किया गया है। कई भक्त मंदिर परिक्रमा करने के लिए इस मंदिर में आते हैं।
Shri Radha Damodar Mandir is renowned for its emphasis on devotional practices such as bhajan (devotional singing) and deep contemplation on the divine love of Radha and Krishna. The temple’s serene atmosphere, coupled with the enchanting kirtans (devotional chants), creates a spiritually uplifting experience for the devotees.
The temple follows the principles and teachings of the Gaudiya Vaishnava tradition, which emphasizes the practice of loving devotion (bhakti) towards Radha and Krishna. Devotees engage in various devotional activities such as chanting the Hare Krishna mantra, reading sacred texts, and participating in spiritual discourses.
Visiting Shri Radha Damodar Mandir provides devotees with an opportunity to immerse themselves in the divine love and grace of Radha and Krishna. It allows them to deepen their spiritual connection and experience the profound teachings of the Gaudiya Vaishnava tradition.
श्री राधा दामोदर मंदिर भजन (भक्ति गायन) जैसी भक्ति प्रथाओं और राधा और कृष्ण के दिव्य प्रेम पर गहन चिंतन पर जोर देने के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर का शांत वातावरण, मनमोहक कीर्तन (भक्ति मंत्र) के साथ मिलकर, भक्तों के लिए आध्यात्मिक रूप से उत्थानकारी अनुभव पैदा करता है।
मंदिर गौड़ीय वैष्णव परंपरा के सिद्धांतों और शिक्षाओं का पालन करता है, जो राधा और कृष्ण के प्रति प्रेमपूर्ण भक्ति (भक्ति) के अभ्यास पर जोर देता है। भक्त विभिन्न भक्ति गतिविधियों में संलग्न होते हैं जैसे हरे कृष्ण मंत्र का जप करना, पवित्र ग्रंथों को पढ़ना और आध्यात्मिक प्रवचनों में भाग लेना।
श्री राधा दामोदर मंदिर के दर्शन से भक्तों को राधा और कृष्ण के दिव्य प्रेम और कृपा में डूबने का अवसर मिलता है। यह उन्हें अपने आध्यात्मिक संबंध को गहरा करने और गौड़ीय वैष्णव परंपरा की गहन शिक्षाओं का अनुभव करने की अनुमति देता है।
ग्रीष्मकाल
मंगला आरती प्रातः काल : 04:30 प्रातः
प्रातः काल : 06:30 प्रातः से 12:30 दोपहर
संध्याकाल : 05:00 दोपहर से 09:30 रात्रि
शीतकाल
मंगला आरती प्रातः काल : 04:30 प्रातः
प्रातः काल : 07:30 प्रातः से 01:00 दोपहर
संध्याकाल : 04:15 दोपहर से 08:45 रात्रि
Vrindavan is considered a significant place for spiritual seekers, offering them an opportunity to connect with the divine and experience the devotion and love associated with Lord Krishna and Radha.