Every day: 05:00 am to Evening 07:00 pm
Note: The premises close in summers during 01:00 pm to 03:00 pm
In this sacred kunj, the divine couple Radha and Krishn performs Ras Leela and hence its called Ras Sthali. It is also famous as a Sadhna Sthali of Braj Rasik Swami Shri Haridas Ji. About 20 steps down a narrow staircase, there is a sacred well created by Shri Krishna Himself, with the help of his flute to relieve the thirst of Sakhi Vishakha. Hence, it is known as Vishakha-Kund. It is also believed that the trees are form of Gopies. By the Grace of Radha Rani, one gets the form of a Gopi and can enter into the divine leela of the Divine Couple. There is a small mandir which is the Shringar-ghar of Radharani, called Rang Mahal, where a bed is kept for them to rest. It is also believed that Shree Krishn decorates Radharani. There is one temple called Banke Bihari Pragatya Sthali where the divine murti of Bankey Bihari Appeared by the sangeet Sadhna of Rasik Saint Swami Shri Haridas Ji. There is another temple here which is called the “Bansi Chor Radharani” because she steals Shri Krishn’s flute. This is the only temple in the world, where Radha Rani is playing flute. Raas Leela Sthali, a place where it is believed that Radha and Krishna performs Raas Leela.
Jeevit samadhi
One of the living tomb in the Vrindavan in nidhivan raasa place
He was died during chanting of Radharani.because he was a appearance of ashtaakhi called Lalitasakhi
Bhajan sthali Swami Haridas Swami ji
In which Shri Swami Haridas ji Maharaj had *revealed brajraj lord shri bankey bihari ji*in Vrindavan
Rangmahal
The rangmahal inside the Nidhivan is also a place of prime attraction
Which is the place of where lord Krishna make up the Radha Rani..to do Raasaleela
Vanshi chori Radha Rani
Banshichori or Bansichori Radharani darshan. This is the only Darshan in the world where Shri Radharani is holding a flute and playing it after stealing it from Shri Krishn. This darshan is only available in Nidhivan and nowhere else.
इस पवित्र कुंज में दिव्य युगल राधा और कृष्ण रास लीला का प्रदर्शन करते थे। इसलिए इसे रास स्थली कहा जाता है। यह ब्रज रसिक स्वामी श्री हरिदास जी की साधना स्थली के रूप में भी प्रसिद्ध है। लगभग 20 तंग सीढ़ियों नीचे एक कुंड है जिसे श्री कृष्ण ने विशाखा सखी की प्यास को मिटाने के लिए अपनी बांसुरी की मदद से स्वयं बनाया था। इसलिए इसे विशाखा-कुंड के नाम से जाना जाता है। यह भी माना जाता है कि समस्त वृक्ष गोपी स्वरुप ही हैं। राधा रानी की कृपा से गोपी का रूप धारण करके दिव्य युगल की दिव्य लीला में प्रवेश प्राप्त किया जा सकता है। यहाँ एक छोटा मंदिर है जो राधा रानी का श्रृंगार-घर है जिसे रंग महल कहा जाता है। जहां उनके लिए आराम करने के लिए एक बिस्तर (शैया) रखा जाता है। यह भी माना जाता है कि श्री कृष्ण राधा रानी को सजाते हैं। यहाँ बांके बिहारी प्रकट स्थली नामक एक मंदिर है जहां बांके बिहारी की दिव्य मूर्ति रसिक संत स्वामी श्री हरिदास जी ने संगीत साधना द्वारा प्रकट की थी। यहां एक और मंदिर है जिसे “बंसी चोर राधा रानी” कहा जाता है क्योंकि वहां राधा रानी श्री कृष्ण की बांसुरी को चुराती हैं। यहाँ दुनिया का एकमात्र मंदिर है जहां राधा रानी बांसुरी बजा रही है। रास लीला स्थली, यह एक जगह है यह माना जाता है कि राधा और कृष्ण रास लीला का प्रदर्शन करते हैं।
Shri Nidhivan Temple, also known as Nidhivan Mandir, is a significant Hindu temple located in Vrindavan, Uttar Pradesh, India. It holds a special place in the hearts of devotees, particularly those who revere Lord Krishna and Radha Rani.
Nidhivan Temple is situated within the mystical groves of Nidhivan, a serene forested area that is believed to be the sacred playground of Lord Krishna and his beloved Radha. The word “Nidhivan” translates to “grove of treasures” or “hidden treasure,” signifying its spiritual and divine significance.
The temple is known for its association with the divine pastimes (leelas) of Lord Krishna. According to legends and folklore, it is believed that Lord Krishna and Radha Rani visit Nidhivan every night to engage in their eternal love play, the Rasleela. It is believed that the trees in Nidhivan come alive, the birds become Gopis (cowherd maidens), and the atmosphere fills with divine music and blissful dancing.
श्री निधिवन मंदिर, जिसे निधिवन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, भारत के उत्तर प्रदेश के वृन्दावन में स्थित एक महत्वपूर्ण हिंदू मंदिर है। यह भक्तों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है, खासकर उन लोगों के लिए जो भगवान कृष्ण और राधा रानी का सम्मान करते हैं।
निधिवन मंदिर निधिवन के रहस्यमयी उपवनों में स्थित है, यह एक शांत वन क्षेत्र है जिसे भगवान कृष्ण और उनकी प्रिय राधा की पवित्र क्रीड़ास्थली माना जाता है। "निधिवन" शब्द का अनुवाद "खजाने का उपवन" या "छिपा हुआ खजाना" है, जो इसके आध्यात्मिक और दिव्य महत्व को दर्शाता है।
यह मंदिर भगवान कृष्ण की दिव्य लीलाओं से जुड़े होने के लिए जाना जाता है। किंवदंतियों और लोककथाओं के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण और राधा रानी अपनी शाश्वत प्रेम लीला, रासलीला में शामिल होने के लिए हर रात निधिवन आते हैं। ऐसा माना जाता है कि निधिवन में पेड़ जीवंत हो जाते हैं, पक्षी गोपियाँ बन जाते हैं, और वातावरण दिव्य संगीत और आनंदमय नृत्य से भर जाता है।
Nidhivan Temple Timings Vrindavan
ग्रीष्मकाल
प्रातः काल : 05:00 प्रातः से 08:00 रात्रि
शीतकाल
प्रातः काल : 06:00 प्रातः से 07:00 रात्रि
Vrindavan is considered a significant place for spiritual seekers, offering them an opportunity to connect with the divine and experience the devotion and love associated with Lord Krishna and Radha.