Timing
SUMMER
MORNING: 7:30 AM – 12:00PM
EVENING: 4:30PM – 9:00PM
WINTER
MORNING 8:00AM – 12:00PM
EVENING. 5:00PM – 8:00PM
Radha Teela Mandir is a well-known temple located in Vrindavan, Uttar Pradesh, India. Vrindavan is a sacred town associated with Lord Krishna’s pastimes and is considered one of the most important pilgrimage sites for devotees of Lord Krishna.
Radha Teela Mandir is dedicated to Radha Rani, the divine consort of Lord Krishna. It is believed to be the place where Radha Rani used to sit and wait for Lord Krishna during their divine play. The temple is situated on a raised platform or “teela” (hill), hence the name Radha Teela Mandir.
श्री राधा टीला हरिदासी सम्प्रदाय के रसिक भक्त श्री बांके बिहारीदास जी की भजन स्थली है ।
आज से 250 वर्ष पूर्व श्री बांके बिहारीदास जी वृन्दावन वास करते हुए यहीं एक टीले पर भजन करते थे । यह स्थान सघन वृक्षों एवं लताओं से घिरा हुआ था, भूमि पर बालुका बिछी थी और श्री यमुना जी समीप से ही प्रवाहमान थी । इस स्थान की शोभा बड़ी ही सुन्दर थी । श्री बांके बिहारीदास जी अपने इष्ट युगल किशोर श्री राधाकृष्ण की सेवा करते थे । एक दिन वे श्री राधा कृष्ण को भोग लगाना भूल गए, उन्हें निद्रा आ गयी और वे सो गए । वातावरण पूर्णतः शांत था, दूर-दूर तक वहाँ कोई न था । उसी रात्रि वहां एक 10 वर्ष की लाली आयी । लाली श्री बांके बिहारीदास जी के पास आयी और कहा कि बाबा, मोय भूक लगी है। इस मधुर वाणी को सुनकर श्री बांके बिहारीदास जी निद्रा से जाग गए और 10 वर्षीय लाली को देख आश्चर्यचकित थे की इस निर्जन स्थान में मध्य रात्रि में यह छोटी सी लाली कैसे और कहाँ से आयी । श्री बांके बिहारीदास जी ने लाली को अपनी मधुकरी खिलाई और यमुना जल पिलाया । वह लाली वहां से चली गयी। श्री बांके बिहारीदास जी को पुनः निद्रा आ गयी । निद्रा में उन्हें स्वप्न आया और उन्होंने देखा की श्री राधारानी मेरे सम्मुख प्रकट हैं । श्री राधारानी ने कहा बाबा, देखो मैंने तुम्हारा नियम भंग नहीं होने दिया । तुम नित्य ही मुझे भोग लगाते हो और तब प्रसाद पाते हो । लेकिन आज तुम भोग लगाना भूल गए लेकिन तुम्हारी राधा स्वयं ही तुम्हारे पास भोग लेने आ गयी और तुम्हारा नियम टूटने नहीं दिया । तुम्हारे हाथ से मधुकरी खायी और यमुना जल पान किया । इसके बाद श्री राधारानी अंतर्ध्यान हो गयीं । श्री बांके बिहारीदास जी निद्रा से जाग गए और श्री राधारानी की ऐसी विलक्षण कृपा से आनंद में डूबने लगे । उन्हें यह अनुभव हुआ की इस स्थान पर श्री राधारानी का वास है । अब श्री बांके बिहारीदास जी दृढ़ता से यहाँ भजन करने लगे । युगल उपासना करते-करते यहीं श्री श्री बांके बिहारीदास जी नित्य लीला में प्रविष्ट हो गए । इस स्थान पर स्वयं श्री राधारानी का आगमन हुआ था इसी कारण इस स्थान का नाम राधा टीला हुआ । आज भी इस टीले पर अनेक पक्षी, मोर, एवं तोते इत्यादि दाना खाने आते हैं।
स्थान :
श्री राधा टीला रमणरेती, वृन्दावन में परिक्रमा मार्ग पर धर्मसंघ के समीप में स्थित है ।
The temple complex features a main shrine or sanctum sanctorum where the deities of Radha Rani and Lord Krishna are worshipped. The idols are beautifully adorned and devotees offer prayers, sing devotional songs, and perform various rituals to seek the blessings of Radha Rani and Lord Krishna.
Radha Teela Mandir is known for its vibrant festivals, especially during the festival of Holi, which is widely celebrated in Vrindavan. Devotees from all over the world visit the temple to participate in the joyous festivities and experience the divine love associated with Radha and Krishna.
Please note that while I strive to provide accurate and up-to-date information, it’s always a good idea to verify the details or check with local sources for the most precise information regarding specific temples or religious sites.
मंदिर परिसर में एक मुख्य मंदिर या गर्भगृह है जहाँ राधा रानी और भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है। मूर्तियों को खूबसूरती से सजाया जाता है और भक्त प्रार्थना करते हैं, भक्ति गीत गाते हैं और राधा रानी और भगवान कृष्ण का आशीर्वाद पाने के लिए विभिन्न अनुष्ठान करते हैं।
राधा टीला मंदिर अपने जीवंत त्योहारों के लिए जाना जाता है, खासकर होली के त्योहार के दौरान, जो वृन्दावन में व्यापक रूप से मनाया जाता है। दुनिया भर से भक्त आनंदमय उत्सवों में भाग लेने और राधा और कृष्ण से जुड़े दिव्य प्रेम का अनुभव करने के लिए मंदिर में आते हैं।
कृपया ध्यान दें कि हालांकि मैं सटीक और अद्यतन जानकारी प्रदान करने का प्रयास करता हूं, लेकिन विशिष्ट मंदिरों या धार्मिक स्थलों के बारे में सबसे सटीक जानकारी के लिए विवरणों को सत्यापित करना या स्थानीय स्रोतों से जांच करना हमेशा एक अच्छा विचार है।
ग्रीष्मकाल
प्रातः काल : 07:00 प्रातः से 12:30 दोपहर
संध्याकाल : 04:30 दोपहर से 09:00 रात्रि
शीतकाल
प्रातः काल : 08:30 प्रातः से 12:00 दोपहर
संध्याकाल आरती : 05:00 दोपहर से 09:00 रात्रि
Vrindavan is considered a significant place for spiritual seekers, offering them an opportunity to connect with the divine and experience the devotion and love associated with Lord Krishna and Radha.