Shri Radha Raman Ji

Summer
Mangla Aarti: 05:00 AM
Shringar Aarti:10:00 AM
Rajbhog Aarti: 12:30 PM
Sandhya Aarti: 7:15 PM
Shayan Aarti: 9:30 PM
Samaj Gayan: [7:30 PM]

Winter
Mangla Aarti: 05:30 AM
Shringar Aarti:10:30 AM
Rajbhog Aarti: 12:30 PM
Sandhya Aarti: 6:30 PM
Shayan Aarti: 9:00 PM
Samaj Gayan: [7:00 PM]

Shri Radha Raman Ji

Shri Radharaman Ji appeared in the samvat 1591. The temple was built in samwat 1645. Nearby is Samadhi of Shri Gopal Bhatt Ji who established the temple and service of Shri Radharaman Ji.
History: At the age of thirty, Gopala Bhatta Gosvami came to Vrindavana. After Chaitanya Mahaprabhu’s disappearance, Gopala Bhatta Gosvami felt intense separation from the Lord. The Lord instructed Gopala Bhatta in a dream “If you want my darshan then make a trip to Nepal”. In Nepal, Gopala Bhatta bathed in the famous Kali-Gandaki River. Upon dipping his waterpot in the river, he was surprised to see several Shaligrama shilas enter his pot. This is how he found the Shaligram.

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श्री राधारमण मंदिर, वृंदावन
श्री राधारमण मंदिर संवत 1591में उपस्थित थे। यह मंदिर संवत 1591 में बनाया गया था। मंदिर के निकट श्री गोपाल भट्ट गोस्वामी की समाधि है। उन्होंने मंदिर की स्थापना और सेवा की ।

इतिहास:
तीस वर्ष की आयु में, श्री गोपाल भट्ट गोस्वामी वृंदावन आए। चैतन्य महाप्रभु के चले जाने के बाद, श्री गोपाल भट्ट गोस्वामी भगवान से गहन अलगाव महसूस करते थे। भगवान ने श्री गोपाल भट्ट गोस्वामी को एक सपने में निर्देश दिया कि “यदि आप मेरा दर्शन चाहते हैं तो नेपाल की यात्रा करें”। नेपाल में, श्री गोपाल भट्ट गोस्वामी प्रसिद्ध काली-गंडकी नदी में स्नान कर रहे थे, नदी में अपने पानी के मटके के साथ डुबकी लगाने पर, भट्टजी आश्चर्यचकित हो गए क्योंकि कई शलिग्राम शिला उनके बर्तन में प्रवेश कर गए। इस तरह उन्होंने शालिग्राम पाया। उनसे जुडी एक बहुत ही दिलचस्प घटना प्रसिद्ध है। श्री गोपाल भट्ट जी महाराज श्री शलिग्राम की पूर्ण निष्ठा से सेवा कर रहे थे। एक बार श्री गोपाल भट्ट जी को एक तीव्र इच्छा महसूस की कि “यदि शालीग्राम के अन्य हिस्सों हाथों और चरणों को देखा पाया, तो वो उन्हें गहनों के साथ सजाएँगे।” यही ठाकुर जी की महिमा है। गीता में कहाँ गया है कि जिस भाव से जो मुझे भजता है मैं भी उसी भाव से ही भजता हूँ । श्री ठाकुरजी जी ने अपनी लीला दिखाई। अगले दिन जब श्री गोपाल भट्ट जी प्रतिदिन की तरह सेवा के लिए गए तो अगले ही दिन शिलाग्राम के हाथ, चरण और चेहरे का प्रादुर्भाव हुआ । श्री गोपाल भट्ट जी की खुशी का कोई अंत नहीं था।

About Shri Radha Raman Ji

A very interesting incident regarding his appearance is famous. Shri Gopal Bhatt Ji Maharaj was doing the service of Shri Shaligram Ji with all sincerity. Once Shri Gopal Bhatt Ji felt the strong desire that “If the feet, hand and other parts of my Shaligram Ji could be seen, then even I could bedeck him with ornaments.” This is the Glory of Thakur Ji, as in Gita he says “Yei Yathamam Prapadyantei Tamsthaiv Bhajamyaham” (Whoever desirous of resorting to me, in whatever manner they think of me according to their inclinations, I favor them in the same manner). This is what happened. Shri Shaligram Ji showed his leela. Next day when Shri Gopal Bhatt Ji went for the daily service he had the darshan of the feet, hands, and face. There was no end to the Joy of Shri Gopal Bhatt Ji.

उनके स्वरूप के संबंध में एक अत्यंत रोचक घटना प्रसिद्ध है। श्री गोपाल भट्ट जी महाराज पूरी निष्ठा से श्री शालिग्राम जी की सेवा कर रहे थे। एक बार श्री गोपाल भट्ट जी के मन में प्रबल इच्छा हुई कि "यदि मेरे शालिग्राम जी के चरण, हाथ तथा अन्य अंग दिख जायें तो मैं भी उन्हें आभूषणों से विभूषित कर सकूँ।" यह ठाकुर जी की महिमा है, जैसा कि गीता में वे कहते हैं "येयि यथामं प्रपद्यन्ते तमस्थैव भजाम्यहम्" (जो भी मेरी शरण में आना चाहते हैं, वे जिस प्रकार से अपनी रुचि के अनुसार मेरे बारे में सोचते हैं, मैं उन पर उसी प्रकार कृपा करता हूं)। यह हुआ था। श्री शालिग्राम जी ने अपनी लीला दिखाई। अगले दिन जब श्री गोपाल भट्ट जी दैनिक सेवा के लिये गये तो उन्हें चरण, हाथ तथा मुख के दर्शन हुए। श्री गोपाल भट्ट जी की ख़ुशी का कोई अंत नहीं था।

ग्रीष्मकाल
मंगला आरती प्रातः काल : 05:00 प्रातः

प्रातः काल : 05:00 प्रातः से 12:15 दोपहर

संध्याकाल : 06:00 दोपहर से 09:00 रात्रि

शीतकाल
मंगला आरती प्रातः काल : 05:30 प्रातः

प्रातः काल : 05:30 प्रातः से 12:15 दोपहर

संध्याकाल आरती : 06:00 दोपहर से 09:00 रात्रि

Guide Information

Name :Yugal Bihari Sharma

Mobile No : 9756161646

Location : (Brijwasi)

Testimonials

What They’re Saying

Kamal BhardwajTourist
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Visiting Vrindavan was a life-changing experience for me. The town is a treasure trove of ancient temples and sacred sites associated with Lord Krishna. I was in awe as I explored the famous Banke Bihari Temple, where devotees gather to catch a glimpse of the deity. The Radha Raman Temple was equally captivating, with its exquisite architecture and soothing chants.
jyoti SharmaTourist
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My visit to Vrindavan was an enchanting and spiritual experience. The town is steeped in Hindu mythology and is considered one of the holiest places in India. As I walked through the narrow lanes, I could feel a sense of serenity and devotion in the air. The temples were magnificent, adorned with intricate carvings and vibrant colors. Witnessing the evening aarti (prayer ceremony) on the banks of the Yamuna River was truly mesmerizing.
Sachin YadavTourist
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Vrindavan is a hidden gem that transports you to a different world altogether. From the moment I entered the town, I was surrounded by the divine aura and the rhythmic chants of 'Hare Krishna.' The temples were stunning, each with its own unique charm. The ISKCON temple, in particular, left me awe-struck with its grandeur and the melodious kirtans (devotional songs) that filled the air